सरोजिनी नगर की एक ऐसी रात जिसे हम भूल नहीं पाएंगे

अभी थोड़े time पहले मैं Sarojini Nagar गया था अक्सर मेरा वहाँ आना जाना होता रहता है महीने में दो तीन चक्कर तो लग ही जाते है इस बार जब वहाँ गया था तो सब कुछ बदला हुआ था सरकारी कॉलोनियाँ जो थी इस जगह पर आधी से ज़्यादा तोड़ दी गयी है शायद नए flats बनेंगे मेरा दोस्त Deepak मेरे साथ था अपनी scooty से गए थे हम parking की बड़ी दिक्कत होती है वहाँ तो पहले तो हमने parking ढूंढी. उसके बाद निकल पड़े market की तरफ अब यहाँ पे होता क्या है आप जिस चीज के लिए वहाँ गए हो वो लेने के चक्कर में पता नहीं और क्या क्या ले लेते हो शाम को गए थे हम और घूमते फिरते खाते पीते रात हो चली दस बजे के आसपास दुकानें बंद हो रही थी थोड़े लोग अभी भी थे वहाँ पे Deepak ने कहा कि चल चलते हैं time बहुत हो गया है parking की तरफ गए वहाँ parking के पैसे दिए और जब मैं parking के पैसे दे रहा था तो दो औरतें वहाँ आ गयी उनके हाथों में बच्चा भी था वो पैसे मांग रही थी मेरे दोस्त Deep. हाथों में समान था तो कभी वो कपड़ों को खींचती कभी सामान पे हाथ लगाती गर्मी ज्यादा थी और चिड़चिड़ाहट में Deepak ने उन्हें डाँट दिया मैंने कहा क्या हुआ त...